Uttarakhand: जय श्रीराम का नारा सुनकर बोले अखिलेश यादव- यहां कहां से आए राम…?

Akhilesh in Devprayag

देवप्रयाग। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी के संगम तट पर गंगा दर्शन कर पूजा अर्चना की। तीर्थ पुरोहित पंडित हजारी लाल भट्ट ने गंगा पूजन करवाया। अखिलेश यहाँ पत्नी डिम्पल यादव और अपने परिवार जनों के साथ पहुंचे थे। इस दौरान उनसे मिलने के लिए उनके समर्थकों की भीड़ जुटी रही।

दशहरा के अवसर पर अखिलेश यादव देवभूमि के दौरे पर रहे। अखिलेश के परिवार के साथ पहुंचने पर पुलिस की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए थे। इस दौरान गंगा स्नान के बाद तीर्थ पुरोहित पंडित हजारी लाल भट्ट ने गंगा पूजन करवाया। पुजारी के उन्हें इस स्थान का ऐतिहासिक महत्व बताया। इस दौरान सोमनाथ भट्ट ने जय श्री राम का जयकारा लगाया तो अखिलेश मुस्कुराते हुए बोल पड़े कि यहां कहां से आए राम?

इस पर तीर्थ पुरोहित पंडित हजारी लाल भट्ट ने कहा जगत में हर जगह राम ही राम हैं, उन्होंने बताया त्रेतायुग में राम यहां आए थे। बताया कि दशहरा के दिन जब उन्होंने रावण का वध करने के बाद ब्रह्महत्या के दोष से मुक्त होने के लिए श्रीराम ने देवप्रयाग स्थित रामकुंड में भगवान शिव की आराधना की थी। इसके बाद भगवान शिव ने उन्हें ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति प्रदान की थी। बताया, आठवीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य ने देवप्रयाग में रघुनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया था।

देवप्रयाग, जहाँ से भागीरथी का नाम गंगा हो जाता है

अलकनंदा तथा भगीरथी नदियों के संगम पर देवप्रयाग नामक स्थान स्थित है । इसी संगम स्थल के बाद इस नदी को गंगा के नाम से जाना जाता है । यह समुद्र सतह से १५०० फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है । देवप्रयाग की ऋषिकेश से सडक मार्ग दूरी ७० किमी० है । गढ़वाल क्षेत्र में भगीरथी नदी को सास तथा अलकनंदा नदी को बहू कहा जाता है । देवप्रयाग में शिव मंदिर तथा रघुनाथ मंदिर है, जो की यहां के मुख्य आकर्षण हैं । रघुनाथ मंदिर द्रविड शैली से निर्मित है । देवप्रयाग को सुदर्शन क्षेत्र भी कहा जाता है । देवप्रयाग में कौवे दिखायी नहीं देते, जो की एक आश्चर्य की बात है ।

 

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