Uttarakhand News : उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश के साथ-साथ योग ( Yoga Center ) के प्रमुख केंद्र के रूप में भी जाना जाता है। ऋषिकेश के अलावा यहाँ कई ऐसे स्थल है जो योग सेंटर के रूप में विख्यात हो सकते हैं। लेकिन प्रदेश में योग पॉलिसी न होने के कारण ये स्थान नहीं उभर पा रहे हैं। लोगों के योग के प्रति बढ़ती रुचि और योग के लिए सबसे अनुकूल स्थान की खोज में उत्तराखंड का रुख करने वाले साधकों की सुविधा के लिए उत्तराखंड सरकार प्रयासरत है। इसके लिए उत्तराखंड की धामी सरकार एक योग पॉलिसी बनाने जा रही है, जो देश ही पहली योग पॉलिसी होगी। जिसमें योग की जरूरतों, प्रशिक्षण की जरूरतों, योग संस्थानों की मान्यता, काउंसलिंग, कोर्स, विश्वविद्यालय की भूमिका, निजी क्षेत्र की भागीदारी; इन सभी चीजों को इस पॉलिसी में समाहित किया जायेगा।
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए देश की प्रथम योग पॉलिसी (First Yoga Policy of India) पर विचार-विमर्श हेतु आज देहरादून में उत्तराखंड आयुष विभाग द्वारा बैठक आयोजित की गई। जिसमें देश भर के योग विशेषज्ञों तथा योग संबंधी पॉलिसी मेकर्स को आमंत्रित किया गया। इस बैठक में 30 से अधिक योग विशेषज्ञों ने योग पॉलिसी पर अपने विचार साझा किए। विशेषज्ञों ने बताया कि उत्तराखण्ड का योग और ध्यान की प्राचीन पद्धति के साथ गहराई से जुड़ाव है।
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उत्तराखण्ड समृद्ध इतिहास के साथ ही सदियों से आध्यात्मिक और योगिक अन्वेषण का केंद्र रहा है। देवभूमि में योग का अद्वितीय सांस्कृतिक महत्व है। बैठक में बताया गया कि उत्तराखण्ड में अनेकों योग आश्रम और आध्यात्मिक केंद्र हैं जो योग परंपराओं के प्रचार और प्रसार एवं संरक्षण संवर्धन में योगदान दे रहे हैं।
उत्तराखण्ड अपनी अंतर्निहित योग संस्कृति के साथ ही योग के सार को बढ़ावा देने का गवाह बना है। बैठक में आयुष विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि योग को शिक्षा प्रणाली में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। योग को बढ़ावा देने के लिए आयुष HWC द्वारा नियमित शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, अपर सचिव डॉ. विजय जोगदण्डे, प्रसार भारती के पूर्व सी.ई.ओ. डॉ. मयंक अग्रवाल, परमार्थ निकेतन से डॉ. वाचस्पति सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।