चंद्र ग्रहण क्यों लगता है ?

Why does lunar eclipse occur? जानिए रोचक तथ्य। www.HillsLive.in

भारत में चंद्र ग्रहण को लेकर कई मान्यताएं हैं। लेकिन विज्ञान की नजर से देखें तो यह सिर्फ एक खगोलीय घटना है जिसमें सूर्य व  चन्द्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है और पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर पड़ती है।

चंद्रमा को पृथ्वी का एक चक्कर लगाने में 27 दिन लगते हैं। कई बार चक्कर लगाने में ऐसी स्थिति बन जाती है कि पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है।

जिस वजह से सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है।

चंद्र ग्रहण की घटना तभी होती है, जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में हों और ऐसा पूर्णिमा के दिन ही होता है।

लेकिन भारतीय ज्योतिष शास्त्र में इसे शुभ नहीं माना जाता है। वहीं चंद्र ग्रहण से कुछ घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। ज्योतिष के नजरिए से सूतक काल को भी अच्छा समय नहीं माना जाता है।

पौराणिक मान्यता है कि पूर्णिमा की रात जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने का प्रयास करते हैं तो चंद्रमा पर ग्रहण लग जाता है।

भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, एशिया, हिंद महासागर, अटलांटिक, दक्षिणी प्रशांत महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।

चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023

चंद्र ग्रहण पर बना संयोग 130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लग रहा है। इसके साथ ही 12 साल बाद मेष राशि में बृहस्पति, सूर्य, बुध और राहु के होने से चतुर्ग्रही योग भी बन रहा है।