अयोध्या राम मंदिर की प्रमुख विशेषतायें- 

12 Key Features of  Ayodhya Ram Mandir

अयोध्या में मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम जी के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन आगामी पौष शुक्ल द्वादशी, विक्रम सम्वत 2080 यानि सोमवार दिनांक 22 जनवरी 2024 को हो रहा है।

अयोध्या के राम मंदिर की प्रमुख विशेषतायें-

अयोध्या राम मंदिर ( Ayodhya Ram Mandir ) परम्परागत नागर शैली में निर्मित है।

राम मंदिर मंदिर की लम्बाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट एवं ऊँचाई 161 फीट है।

अयोध्या में स्थित नवीन राम मंदिर तीन मंजिला है, प्रत्येक मंजिल की ऊँचाई 20 फीट है। मंदिर में कुल 392 खम्बे और 44 दरवाजे हैं।

भूतल गर्भगृह-प्रभु श्रीराम के बाल रूप (श्रीरामलला) का विग्रह स्थापित होगा और प्रथम तल गर्भगृह-श्रीराम दरबार होगा।

अयोध्या राम मंदिर कुल पाँच मंडप - नृत्यमडप, रंग मंडप, गूढ़ मंडप (सभा मण्डप), प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप से सुसज्जित है।

राम मंदिर के खम्भों,दीवारों में देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियाँ उकेरी हुई हैं।

मंदिर में प्रवेश पूर्व से होगा, जिसमें 32 सीढ़ियां (ऊँचाई 16.5 फीट) चढ़कर सिंहद्वार से होगा।

राम मंदिर अयोध्या में दिव्यांगजन तथा वृद्धों के लिए रैम्प एवं लिफ्ट की व्यवस्था है।

चारों ओर आयताकार परकोटा (प्राकार) लम्बाई 732 मीटर, चौड़ाई 4.25 मीटर, परकोटा के चार कोनों पर चार मंदिर भगवान सूर्य, शंकर, गणपति, देवी भगवती, परकोटे की दक्षिणी भुजा में हनुमान एवं उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता का मंदिर हैं।

राम मंदिर ( Ayodhya Ram Mandir ) के समीप पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान है।

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मन्दिर महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वसिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज गुह, माता शबरी एवं अहिल्या के हैं।

दक्षिणी-पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर का जीर्णोद्वार एवं रामभक्त जटायु राज प्रतिमा की स्थापित की गई हैं।