देहरादून। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव ड्यूटी में तैनात कार्मिकों के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिससे बूथ स्तर पर कार्यरत अधिकारियों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। आयोग ने बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) के वार्षिक पारिश्रमिक को ₹6000 से बढ़ाकर ₹12000 कर दिया है। साथ ही BLO पर्यवेक्षकों को अब ₹12000 के बजाय ₹18000 सालाना राशि प्राप्त होगी।
इसके अलावा मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्य में जुटे BLOs को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि भी ₹1000 से बढ़ाकर ₹2000 कर दी गई है। यह बदलाव चुनाव कार्मिकों के कार्य के प्रति आयोग की संवेदनशीलता और उनके योगदान की मान्यता को दर्शाता है।
निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (EROs) और सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (AEROs) को लेकर भी आयोग ने पहली बार मानदेय तय किया है। अब उपजिला मजिस्ट्रेट (SDM), जो ERO के रूप में कार्यरत हैं, उन्हें ₹30000 वार्षिक मानदेय मिलेगा, जबकि तहसीलदार स्तर के AERO को ₹25000 सालाना दिए जाएंगे।
इससे पहले आयोग ने बिहार में प्रारंभ हो रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के लिए BLOs को ₹6000 की अतिरिक्त विशेष प्रोत्साहन राशि देने की भी स्वीकृति दी थी।
यह निर्णय भारत निर्वाचन आयोग की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें वह चुनाव प्रक्रिया में लगे हर स्तर के कर्मचारियों को उचित पारिश्रमिक देने के लिए प्रयासरत है। ये कर्मचारी न केवल सटीक मतदाता सूची तैयार करने में भूमिका निभाते हैं, बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद को मजबूत करने के लिए मैदान में परिश्रम भी करते हैं।
उत्तराखंड में वर्तमान में लगभग 13,000 BLO कार्यरत हैं, जबकि 70 के करीब SDM अधिकारी ERO के रूप में कार्य कर रहे हैं। आयोग का यह कदम निश्चित ही चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देगा तथा चुनाव कर्मियों का मनोबल और भी ऊंचा करेगा।